हाल-ए-दिल मैं ने जो दुनिया को सुनाना चाहा
मुझ को हर शख़्स ने दिल अपना दिखाना चाहा
[shaKhs = person]
अपनी तस्वीर बनाने के लिये दुनिया में
मैं ने हर रंग पे इक रंग चढ़ाना चाहा
ख़ाक-ए-दिल जौहर-ए-आईना के काम आ ही गई
लाख दुनिया ने निगाहों से गिराना चाहा
शोला-ए-बर्क़ से गुलशन को बचाने के लिये
मैं ने हर आग को सीने में छुपाना चाहा
[sholaa-e-barq = spark of lightning; gulashan = garden]
अपने ऐबों को छुपाने के लिये दुनिया में
मैंने हर शख़्स पे इल्ज़ाम लगाना चाहा
[aib = vice/fault; ilzaam = allegation/accusation]
ग़ैरत-ए-मौज उसे फेंक गई साहिल पर
डूबने वाले ने जब शोर मचाना चाहा
--करार नूरी
No comments:
Post a Comment