तेरी बेवफाई का शिकवा करूँ तो
ये मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी
भरी बज़्म में तुझको रुसवा करूँ तो
ये मेरी शराफत की तौहीन होगी
तेरी बेवफाई का शिकवा करू तो
ये मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी
न महफ़िल में होंगी, न मेले में होंगी
ये आपस की बातें अकेले में होंगी
मैं लोगो से तेरी शिकायत करूँ तो
ये मेरी शिकायत की तौहीन होंगी
तेरी बेवफाई का शिकवा करू तो
ये मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी
सुना है तेरा और भी इक बलम है
मगर गम न कर तुझको मेरी कसम है
तुझे बेशरम बेमुरव्वत कहूँ तो
ये मेरी मुरव्वत की तौहीन होगी
तेरी बेवफाई का शिकवा करू तो
ये मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी
--शहजाद साहिब
शानदार गीत है, मेरी पसंद का।
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अथातो सर्प जिज्ञासा।
महिलाओं को क्यों गुजरना पड़ता है लिंग परीक्षण से?