ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा
ऐसे आने से तो बेहतर था ना आना तेरा
अपने दिल को भी बताऊँ ना ठिकाना तेरा
सब ने जाना जो पता एक ने जाना तेरा
तू जो ऐ ज़ुल्फ़ परेशान रहा करती है
किस के उजड़े हुए दिल में है ठिकाना तेरा
ये समझ कर तुझे ऐ मौत लगा रखा है
काम आता है बुरे वक़्त में आना तेरा
अपनी आँखों में भी कौँध गई बिजली सी
हम ना समझे कि ये आना है कि जाना तेरा
दाग को यूँ वो मिटाते हैं ये फ़र्माते हैं
तू बदल डाल हुआ नाम पुराना तेरा
--दाग देहलवी
[बिजली कौंधना = strike/flash of lightning]
Source : http://www.urdupoetry.com/daag29.html
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